SBI ने 1 अक्टूबर से बदल दिए नियम, जानें क्या होगा फायदा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने एक अक्टूबर से कुछ नियमों में बदलाव किया है। बैंक ने अपने कस्टमर्स को थोड़ी बहुत राहत देते हुए मिनिमम बैलेंस लिमिट और बेस रेट में कटौती की है। आइए जानते हैं कौन-कौन से बदले नियम और कस्टमर्स को मिलेगा कितना फायदा...
1. मिनिमम बैलेंस लिमिट हुई कम :
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बडे बैंक एसबीआई ने बचत खाता में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) की सीमा को घटा दिया है। पहले बचत खाता धारकों को अपने एकाउंट में कम से कम 5000 रुपये रखते पड़ते थे, नहीं तो पेनाल्टी लग जाती थी। एसबीआई ने इस नियम को बदलते हुए न्यूनतम बैलेंस की सीमा घटाकर 3000 कर दी है। यानी कि अब आपको अपने बचत खाता में सिर्फ 3000 बैलेंस रखना अनिवार्य होगा। अगर इससे नीचे बैलेंस जाता है तो जुर्माने के रूप में कुछ राशि आपके एकाउंट से काट ली जाएगी। हालांकि नाबालिगों, पेंशनर्स और सब्सिडी के लिए खोले गए एकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस का चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
2. एकाउंट क्लोज कराने पर नहीं लगेगा चार्ज :
एक अक्टूबर से एसबीआई अपने कस्टमर्स से एकाउंट खोलने के एक साल बाद उसे बंद कराने पर कोई चार्ज नहीं लेगा। हालांकि अगर आप एकाउंट ओपनिंग डेट के 14 दिन बाद से लेकर 1 साल के बीच की अवधि में एकाउंट बंद करवाते हैं तो 500 रुपये के साथ-साथ जीएसटी भी देना पड़ेगा। वहीं खाता धारक की मौत के बाद उसके एकाउंअ का सेटलमेंट करने और एकाउंट बंद करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
3. इन बैकों को नहीं चलेगा चेक :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक अक्टूबर से अपने साथ मर्ज हुए बैंकों और भारतीय महिला बैंक के पुराने आईएफएससी वाले चेक नहीं लेगा। इनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक शामिल हैं।
4. एसबीआई का कर्ज हुआ सस्ता :
एसबीआई ने कर्ज भी सस्ता कर दिया है। बैंक ने अपने बेस रेट में 5 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.05 परसेंट कटौती की है। पहले यह रेट 9 फीसदी था, अब 8.95 फीसदी रह गया है। बेस रेट में कटौती से लोन लेने वाले पुराने कस्टमर्स को फायदा मिलेगा।
5. जुर्माना भी देना पड़ेगा कम
एसबीआई ने हाल ही में अपने कस्टमर्स को एक और राहत दी है। खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी को भी घटा दिया है। बैंक ने जुर्माना राशि को 50 फीसदी तक कम किया है। अब शहरी और महानगर में रहने वालों से 30 से 50 रुपये जुर्माना लिया जाएगा। वहीं अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क 20 से 40 रुपये तक लगेगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने एक अक्टूबर से कुछ नियमों में बदलाव किया है। बैंक ने अपने कस्टमर्स को थोड़ी बहुत राहत देते हुए मिनिमम बैलेंस लिमिट और बेस रेट में कटौती की है। आइए जानते हैं कौन-कौन से बदले नियम और कस्टमर्स को मिलेगा कितना फायदा...
1. मिनिमम बैलेंस लिमिट हुई कम :
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बडे बैंक एसबीआई ने बचत खाता में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) की सीमा को घटा दिया है। पहले बचत खाता धारकों को अपने एकाउंट में कम से कम 5000 रुपये रखते पड़ते थे, नहीं तो पेनाल्टी लग जाती थी। एसबीआई ने इस नियम को बदलते हुए न्यूनतम बैलेंस की सीमा घटाकर 3000 कर दी है। यानी कि अब आपको अपने बचत खाता में सिर्फ 3000 बैलेंस रखना अनिवार्य होगा। अगर इससे नीचे बैलेंस जाता है तो जुर्माने के रूप में कुछ राशि आपके एकाउंट से काट ली जाएगी। हालांकि नाबालिगों, पेंशनर्स और सब्सिडी के लिए खोले गए एकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस का चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
2. एकाउंट क्लोज कराने पर नहीं लगेगा चार्ज :
एक अक्टूबर से एसबीआई अपने कस्टमर्स से एकाउंट खोलने के एक साल बाद उसे बंद कराने पर कोई चार्ज नहीं लेगा। हालांकि अगर आप एकाउंट ओपनिंग डेट के 14 दिन बाद से लेकर 1 साल के बीच की अवधि में एकाउंट बंद करवाते हैं तो 500 रुपये के साथ-साथ जीएसटी भी देना पड़ेगा। वहीं खाता धारक की मौत के बाद उसके एकाउंअ का सेटलमेंट करने और एकाउंट बंद करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
3. इन बैकों को नहीं चलेगा चेक :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक अक्टूबर से अपने साथ मर्ज हुए बैंकों और भारतीय महिला बैंक के पुराने आईएफएससी वाले चेक नहीं लेगा। इनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक शामिल हैं।
4. एसबीआई का कर्ज हुआ सस्ता :
एसबीआई ने कर्ज भी सस्ता कर दिया है। बैंक ने अपने बेस रेट में 5 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.05 परसेंट कटौती की है। पहले यह रेट 9 फीसदी था, अब 8.95 फीसदी रह गया है। बेस रेट में कटौती से लोन लेने वाले पुराने कस्टमर्स को फायदा मिलेगा।
5. जुर्माना भी देना पड़ेगा कम
एसबीआई ने हाल ही में अपने कस्टमर्स को एक और राहत दी है। खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी को भी घटा दिया है। बैंक ने जुर्माना राशि को 50 फीसदी तक कम किया है। अब शहरी और महानगर में रहने वालों से 30 से 50 रुपये जुर्माना लिया जाएगा। वहीं अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क 20 से 40 रुपये तक लगेगा।
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